कुछ तो घट रहा है................
कुछ तो उबल रहा है,
कुछ तो पक रहा है.
बेसबब ही तो नही यह आकारहीनता
बेसबब ही तो नही ये रिक्तता
कुछ तो है जो है आतुर एक आकार पाने को
कुछ तो है जो है आतुर शुण्यता भरने को.
उडान और स्थिरता में
एक ही क्षण का तो अंतर होता है.
निलेश. १५ अगस्त २०१२
कुछ तो उबल रहा है,
कुछ तो पक रहा है.
बेसबब ही तो नही यह आकारहीनता
बेसबब ही तो नही ये रिक्तता
कुछ तो है जो है आतुर एक आकार पाने को
कुछ तो है जो है आतुर शुण्यता भरने को.
उडान और स्थिरता में
एक ही क्षण का तो अंतर होता है.
निलेश. १५ अगस्त २०१२
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